भारत-नेपाल सीमा पर पकड़ा गया 16 टन ‘नकली’ लहसुन: सेहत के लिए कितना खतरनाक है यह चाइनीज लहसुन?
भारत-नेपाल सीमा पर पकड़े गए 16 टन चाइनीज लहसुन को कस्टम विभाग ने नष्ट किया, लेकिन ग्रामीणों ने इसे मिट्टी से निकाल लिया। जानिए यह लहसुन कितना खतरनाक है।
भारत-नेपाल सीमा पर पकड़ा गया 16 टन ‘नकली’ लहसुन: सेहत के लिए कितना खतरनाक है यह चाइनीज लहसुन?
Khet Tak, New Delhi, 12 September, भारत-नेपाल सीमा पर उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले में हाल ही में चाइनीज लहसुन की भारी खेप पकड़ी गई, जिसे स्वास्थ्य के लिए खतरनाक पाया गया है। कस्टम विभाग द्वारा जब्त किए गए 1400 क्विंटल (16 टन) इस लहसुन को नष्ट कर दिया गया था, लेकिन इसे मिट्टी में दबाए जाने के बाद ग्रामीणों ने इसे फिर से निकाल लिया। इस लहसुन की तस्करी नेपाल के रास्ते भारत में की गई थी। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इसे बेहद खतरनाक बताते हुए लोगों को इसे इस्तेमाल करने से मना किया है।
कैसे तैयार होता है चाइनीज लहसुन?
चाइनीज लहसुन नेचुरल तरीके से नहीं उगाया जाता, बल्कि इसे आर्टिफिशियल तरीके से तैयार किया जाता है। इस लहसुन में खतरनाक फंगस पाए जाते हैं, जो सेहत के लिए गंभीर खतरा साबित हो सकते हैं। कस्टम विभाग द्वारा किए गए लैब टेस्ट में इसे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बताया गया, जिससे इसे भारत में प्रतिबंधित कर दिया गया है।
कस्टम विभाग की कार्रवाई
हाल ही में कस्टम विभाग ने नेपाल से तस्करी करके लाए गए 16 टन चाइनीज लहसुन को नष्ट कर दिया था। इस लहसुन को मिट्टी में दबाकर डिस्ट्रॉय किया गया, लेकिन जैसे ही कस्टम अधिकारी वहां से गए, स्थानीय लोगों ने लहसुन को मिट्टी से निकालकर घर ले जाना शुरू कर दिया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें देखा जा सकता है कि किस तरह बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं मिट्टी से लहसुन खोद रहे हैं और बोरे में भरकर ले जा रहे हैं।
कितना खतरनाक है यह लहसुन?
चाइनीज लहसुन स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक खतरनाक है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस लहसुन में फंगस की मौजूदगी से गैस्ट्राइटिस, पेट में सूजन और अन्य गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। डॉ. अमित राव गौतम का कहना है कि यह लहसुन नेचुरल प्रोसेस से नहीं उगाया जाता, बल्कि इसे आर्टिफिशियल तरीके से ग्रो कराया जाता है, जिससे यह और भी हानिकारक हो जाता है। इसके सेवन से पेट से जुड़ी कई समस्याएं हो सकती हैं, इसलिए इसे खाने से बचना चाहिए।
ग्रामीणों ने क्यों निकाला लहसुन?
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि वे इस लहसुन को खाने के लिए नहीं बल्कि खेतों में बोने के लिए निकाल रहे हैं। बाजार में लहसुन की ऊंची कीमतों के चलते ग्रामीणों को यह सस्ता विकल्प मिला, लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इसका किसी भी रूप में उपयोग करना खतरनाक हो सकता है। यह लहसुन पूरी तरह से असुरक्षित है और इसे बुआई के लिए भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
लहसुन को पूरी तरह नष्ट क्यों नहीं किया गया?
इस पूरे मामले के बाद सवाल उठ रहे हैं कि कस्टम विभाग ने लहसुन को मिट्टी में दबाने के बजाय पूरी तरह जलाकर नष्ट क्यों नहीं किया? मिट्टी में दबाए जाने के बाद ग्रामीणों ने इसे आसानी से निकाल लिया।